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दिल्ली व आसपास के क्षेत्रों लड़की पक्ष से आमंत्रित अतिथियीं द्वारा उपहार स्वरूप दी गई राशि को कन्यादान कहते हैं। थेथरलॉजी में प्रकांड विद्वान स्त्री विमर्श पर बात करने वाली लेफ्ट लिबरल जमात यह बताएं कि अतिथि ने किस कन्या का दान कर दियाघ् कन्यादान का अर्थ मूलतः कन्या का दान नहीं अपितु कन्या को दान है। किन्तु हिन्दू संस्कृति से घृणा पालने वाले बॉलीवुड जमात ने कन्या का दान बना कर छोड़ दिया। यह षड्यंत्र वैसा ही है जैसा रक्षाबंधन में बहनें भाई के हाथों में राखी इसलिए बांधती हैं ताकि भाई उसकी रक्षा कर सकें। जबकि मूल कथा तो यह है कि श्री कृष्ण की अंगुलियों से बहते रक्त को रोकने व उनकी रक्षा करने हेतु द्रोपदी ने श्री कृष्ण को राखी बांधी थी। ध्येय श्री कृष्ण की रक्षा का था न कि द्रोपदी के स्वयं का। इस कथा को हम कई बार सुन चुके हैं। किन्तु हिन्दू परंपराओं व मान्यताओं को अंधविश्वास करार देने वाले बॉलीवुड द्वारा भैया मेरे रक्षा करनाण्ण्ण्ण्ए इतनी बार सुनाया गया कि हम भी मान बैठे कि भाई द्वारा बहन की रक्षा करने के ठेके के नवीनीकरण वाला त्योहार है रक्षाबंधन। फिल्मों में ऐसे ऐसे डायलॉग जानबूझ कर लिखे गए ताकि यह सिद्ध हो जाए कि कन्यादान का अर्थ कन्या का दान है। मजे की बात यह है कि कन्यादान नहीं कन्या का मान करने वाला ज्ञान वो महेश भट्ट दे रहा हैं जो अपनी कन्या से ही निकाह करने की इच्छा जता चुका है।